June 16, 2025

पुष्कर कुंभ में उमड़ी श्रद्धा की भीड़, तीन दिन में 25 हजार से अधिक श्रद्धालु हुए शामिल

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पुष्कर कुंभ में उमड़ी श्रद्धा की भीड़, तीन दिन में 25 हजार से अधिक श्रद्धालु हुए शामिल..

 

 

उत्तराखंड: देश के प्रथम गांव माणा में स्थित पवित्र सरस्वती और अलकनंदा नदी के संगम पर आयोजित पुष्कर कुंभ में श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा है। बीते तीन दिनों में 25 हजार से अधिक श्रद्धालु यहां आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। यह दिव्य आयोजन उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्र में हो रहा है, और खास बात यह है कि दक्षिण भारत से हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं। परंपरागत वेशभूषा और भक्ति गीतों के साथ ये श्रद्धालु संगम पर डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सुरक्षा, चिकित्सा और मूलभूत सुविधाओं के व्यापक इंतज़ाम किए हैं। वहीं साधु-संतों के साथ-साथ कई प्रमुख धार्मिक संगठनों की उपस्थिति ने आयोजन की गरिमा को और बढ़ा दिया है। सरस्वती-अलकनंदा संगम जिसे अब “उत्तर भारत का नया तीर्थ-संगम” कहा जा रहा हैं वाले दिनों में इसे और अधिक श्रद्धालुओं की मेजबानी के लिए भी तैयार किया जा रहा है। बता दे कि माणा गांव के केशव प्रयाग में 12 साल बाद लगे पुष्कर कुंभ से पूरे क्षेत्र में रौनक बनी हुई है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचकर संगम पर स्नान कर रहे हैं।

बद्रीनाथ धाम के निकट स्थित माणा गांव के पवित्र सरस्वती-अलकनंदा संगम पर चल रहे पुष्कर कुंभ में आस्था की अनुपम झलक देखने को मिल रही है। तीसरे दिन तक 25 हजार से अधिक श्रद्धालु यहां डुबकी लगा चुके हैं, और यह संख्या निरंतर बढ़ रही है। हर दिन सैकड़ों श्रद्धालु अपने पितरों की Moksha-प्राप्ति के लिए पिंडदान कर रहे हैं। यह आयोजन कुल 10 दिनों तक चलेगा इसकी धार्मिक मान्यता है कि इन दिनों करीब 60 हजार देवी-देवता भी अदृश्य रूप में यहां स्नान करते हैं। विशेष रूप से दक्षिण भारत से भारी संख्या में श्रद्धालु इस दिव्य अवसर पर माणा पहुंच रहे हैं। पारंपरिक परिधानों और भक्ति-भाव से ओतप्रोत ये श्रद्धालु संगम में स्नान कर आत्मिक शांति और पुण्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं। शनिवार को पुष्कर कुंभ के तीसरे दिन हजारों श्रद्धालु स्नान और पिंडदान के लिए संगम तट पर पहुंचे। बद्रीनाथ धाम से माणा गांव तक पूरे रास्ते पर श्रद्धालुओं से रौनक बनी हुई है। हर मोड़ पर भक्ति संगीत, साधु-संतों की वाणी और श्रद्धालुओं की आस्था से वातावरण पावन हो उठा है। स्थानीय लोग भी श्रद्धालुओं की सेवा में तन-मन से जुटे हुए हैं।

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बद्रीनाथ थाना प्रभारी नवनीत भंडारी का कहना हैं कि श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए हर कदम पर पुलिस बल और स्थानीय प्रशासन मुस्तैद है। यात्रियों को मार्गदर्शन देने से लेकर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा तक हर बिंदु पर सतर्कता बरती जा रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। पुलिस बल न केवल निगरानी कर रहा है, बल्कि श्रद्धालुओं को संगम स्थल तक पहुंचाने और वापस लाने में भी सक्रिय मदद दे रहा है। 10 दिवसीय इस धार्मिक आयोजन में दक्षिण भारत से विशेष रूप से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जो न केवल डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं, बल्कि पितरों के लिए पिंडदान भी कर रहे हैं। बद्रीनाथ धाम से लेकर माणा संगम तक पूरा मार्ग भक्तिभाव, श्रद्धा और व्यवस्थाओं की मिसाल बना हुआ है। प्रशासनिक मुस्तैदी और स्थानीय सहयोग से यह आयोजन अब एक आदर्श धार्मिक मॉडल के रूप में उभर रहा है

 

 

 

A photo

कमल सिंह चौधरी