June 15, 2025

एक माह में केदारनाथ यात्रा से हुआ 200 करोड़ का कारोबार..

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एक माह में केदारनाथ यात्रा से हुआ 200 करोड़ का कारोबार..

हेली और घोड़ा-खच्चर सेवाओं ने बढ़ाई आमदनी..

 

 

 

उत्तराखंड: केदारनाथ धाम यात्रा ने इस बार नया रिकॉर्ड बनाया है। 2 मई से शुरू हुई एक महीने की यात्रा में लगभग 7 लाख तीर्थयात्रियों ने केदारनाथ के दर्शन किए। इस दौरान तीर्थयात्रा से करीब 200 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है, जिसमें होटल कारोबार से 100 करोड़, हेलीकॉप्टर सेवा से 35 करोड़ और घोड़ा-खच्चर संचालन से 40.50 करोड़ रुपये की आमदनी शामिल है। केदारनाथ यात्रा देश की सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में गिनी जाती है। लगभग 20 किलोमीटर का कठिन पैदल मार्ग पार कर हिमालय की गोद में स्थित 11वें ज्योतिलिंग केदारनाथ के दर्शन होते हैं। तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं, जिससे इलाके की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।

केदारनाथ धाम की कठिन पैदल यात्रा में घोड़ा-खच्चरों का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है। असमर्थ और बुजुर्ग तीर्थयात्री अक्सर इन्हीं के माध्यम से यात्रा करते हैं। इसके साथ ही खाद्य पदार्थ और अन्य आवश्यक सामग्री भी घोड़े-खच्चरों के जरिए यात्रा मार्ग और केदारनाथ धाम तक पहुंचाई जाती है। बता दे कि 31 मई तक कुल 1,39,444 तीर्थयात्रियों ने घोड़ा-खच्चरों की सेवा का उपयोग कर केदारनाथ की यात्रा की जिससे करीब 40.50 करोड़ रुपये की आय हुई है। इसके अलावा, होटल व्यवसाय से 100 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है, जबकि जीएमवीएन को विश्राम गृह और ध्यान गुफा की बुकिंग से 3.80 करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है। केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए हेली सेवा की काफी मांग रहती है। 31 मई तक लगभग 33000 श्रद्धालु हेली सेवाओं के माध्यम से बाबा केदारनाथ धाम पहुंचे हैं। जिससे करीब 35 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई है। यह समृद्ध व्यापार न केवल तीर्थयात्रियों को सुविधाएं प्रदान करता है, बल्कि स्थानीय लोगों के रोजगार और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती दे रहा है।

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डंडी-कंडी से एक करोड़ से अधिक की आय..

केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के साथ-साथ डंडी-कंडी संचालन का भी बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। इस वर्ष की यात्रा के लिए 7,000 से अधिक डंडी-कंडी संचालक पंजीकृत हैं। 31 मई तक कुल 29,275 श्रद्धालुओं ने डंडी-कंडी सेवा का उपयोग किया, जिससे 1 करोड़ 16 लाख 89 हजार 100 रुपये की आय प्राप्त हुई है। सफाई और नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए, गंदगी फैलाने और अन्य नियमों के उल्लंघन पर विभिन्न प्रतिष्ठानों से 2,26,000 रुपये का चालान कर अर्थदंड भी वसूला गया है। यह कदम यात्रा मार्ग की स्वच्छता और सुव्यवस्था बनाए रखने के लिए अहम माना जा रहा है।

 

बता दे कि केदारनाथ धाम यात्रा में शटल सेवा के लिए कुल 225 टैक्सियां पंजीकृत हैं, जो श्रद्धालुओं को सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक ले जाती हैं। अब तक 7 लाख से अधिक श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुँच चुके हैं। प्रत्येक यात्री को सोनप्रयाग से गौरीकुंड जाने के लिए 50 रुपये और वापस आने के लिए 50 रुपये देने होते हैं। 1 जून तक के आंकड़ों के अनुसार टैक्सी संचालकों ने शटल सेवा के माध्यम से लगभग 7 करोड़ रुपये की कमाई की है। यह सेवा तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाजनक होने के साथ-साथ स्थानीय टैक्सी चालकों के लिए भी आर्थिक अवसर प्रदान कर रही है। केदारनाथ धाम यात्रा आस्था और संस्कृति की धुरी बन चुकी है। सरकार का लक्ष्य केवल तीर्थयात्रियों को सुविधाएं देना नहीं, बल्कि स्थानीय युवाओं, महिलाओं एवं व्यापारियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना भी है। यात्रा सुरक्षित, सुगम और समृद्ध बनाने की दिशा में हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं

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A photo

कमल सिंह चौधरी